देश में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के चलाने के लिए पीएम केयर्स फंड से 2220 करोड़ रुपये का योगदान दिया गया है. मंगलवार को ये जानकारी देश के व्यय सचिव ने दी है. पीएम केयर्स फंड का गठन लॉकडाउन के दौरान किया गया था. इस फंड में बड़ी संख्या में देश के कॉरपोरेट घरानों और आम पब्लिक ने नगद दान दिया है.मार्च 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में गठित पीएम केयर्स फंड ट्रस्टमें कितनी राशि आई है इसकी स्पष्ट जानकारी नहीं है,फंडउठारहाहैपहलेचरणकेकोरोनावैक्सीनेशनकाखर्चकरोड़दिए लेकिन पीएमओ इस फंड से कोरोना महामारी से प्रभावित सेक्टर की मदद कर रहे हैं.बता दें कि वित्त वर्ष 2020-21 के बजट में कोरोना वैक्सीनेशन के लिए कोई प्रावधान नहीं किया गया था, क्योंकि तब कोरोना का इतना व्यापक प्रकोप नहीं था. इसलिए कोरोना वैक्सीनेशन का अबतक का 82 फीसदी खर्च पीएम केयर्स के जरिए पूरा किया गया है. इस बार के बजट में कोरोना टीकाकरण के लिए 35 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया है.केंद्र सरकार के व्यय सचिव टीवी सोमनाथन ने एक एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर को टीकाकरण का पूरा खर्च केंद्र सरकार उठा रही है और ये पैसा पीएम केयर्स फंड के जरिए आ रहा है.उन्होंने कहा, "जनवरी से मार्च तक टीकाकरण का अनुमानित लागत लगभग 2700 करोड़ रुपये हैं, इसका कुछ हिस्सा स्वास्थ्य मंत्रालय से आ रहा है और कुछ भाग पीएम केयर्स फंड से आ रहा है. इससे 3 करोड़ फ्रंटलाइन वर्कर्स और स्वास्थ्यकर्मियों को टीका लगाया जा रहा है."केंद्र सरकार ने स्वास्थ्य मंत्रालय को कोरोना से निपटने के लिए 480 करोड़ रुपये अतिरिक्त आवंटन दिया है, बाकी2220 करोड़ रुपये पीएम केयर्स से दिया जा रहा है. बता दें कि पीएम केयर्स फंड की रकम से ही देश के कई अस्पतालों में वेंटिलेटर मशीन और ऑक्सीजन सिलेंडर की व्यवस्था की गई है.बता दें कि विपक्षी पार्टियां और एक्टिविस्ट पीएम केयर्स फंड में मिली राशि का हिसाब मांग रही हैं. लेकिन पीएमओ की ओर से कहा जा रहा है कि पीएम केयर्स फंड सूचना के अधिकार के तहत नहीं आता है, इसलिए सरकार इस फंड में मिले रकम की जानकारी नहीं दे रही है.
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