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प्राध्यापिका ने अपने छात्र से चुदाई करवा ली

हस्बैंड वाइफ चीटिंग सेक्स कहानी एक टीचर की है. उसने अपने शौहर को दूसरी लड़की के साथ सेक्स करते देखा तो बदला लेने के लिए उसने एक लड़के से चुदाई कर ली.पति पत्नी की यह कहानी सुनें.मेरा नाम आशना बानो है,प्राध्यापिकानेअपनेछात्रसेचुदाईकरवाली पर मुझे सब शन्नो कहते हैं.अभी मैं 46 वर्षीय सांवले रंग की महिला हूं. मेरी हाईट 5.2 इंच और वजन 65 किलो है.मैं एक भरे-पूरे शरीर की मालकिन हूं. भरे पूरे बदन से आशय है कि मेरे स्तन 40 इंच के हैं, कमर 34 की और गांड 42 की है.मेरे परिवार में मेरे शौहर रफीक हैं, जिनकी उम्र 40 साल है. मेरा बेटा साहिल जवान हो चुका है.मेरे शौहर मुझसे आयु में 6 साल छोटे हैं, हमारी लव मैरिज थी.आपको मैं ये बता दूं कि मैं पेशे से एक अध्यापिका हूं. रफीक और मेरी मुलाकात कॉलेज में हुई थी.ये उसी समय की हस्बैंड वाइफ चीटिंग सेक्स कहानी है.हमारा दो साल का अफेयर चला, उसके बाद हमने शादी कर ली.हम दोनों के परिवार वालों में से कोई भी इस शादी से खुश नहीं था.इसलिए हमने अपना एक अलग घर बसाया, जिसमें हम दोनों खुशी से अपना जीवन यापन करने लगे.मेरे शौहर ने अपना नया बिजनेस चालू किया, उनको उसमें बहुत फायदा हुआ.रफीक दिन भर मेहनत करके रात में घर लौटते और मैं रात में उनकी सारी थकान मिटा देती.वो मुझे रात में खूब चोदते थे.उनका 7 इंच का लंड मुझे संतुष्ट करने के लिए काफी था.शादी से पहले तो हम, बच्चा न ठहरे, इस सुरक्षा के साथ चुदाई का आनन्द उठाते थे … पर शादी होने के बाद हम दोनों ने कंडोम लगाना बंद कर दिया.जिसका ये नतीजा हुआ कि मैं पेट से हो गई.डॉक्टर की सलाह से हम दोनों ने मेरी प्रेग्नेंसी के 2 माह तक सेक्स चालू रखा.उसके बाद हमने सेक्स करना बन्द कर दिया जिससे मेरे शौहर उदास रहने लगे.मैंने उनको खुश करने के लिए उनसे कहा- आप चिंता ना करें, मैं आपका लंड अपने मुँह में लेकर उसको शांत कर दिया करूंगी.कुछ दिन तो ऐसा ही चला, फिर अचानक से मेरे शौहर ने ये भी बंद कर दिया.मुझे उस समय तो ये अजीब नहीं लगा, पर ये कुछ गड़बड़ थी.फिर समय बीतता गया और मैंने एक बेटे को जन्म दिया.डॉक्टर ने हमें ये भी बोला कि हम कुछ समय तक सेक्स नहीं कर सकते हैं.मेरे शौहर को इस बात से ज्यादा कुछ फर्क नहीं पड़ा.मैंने भी डॉक्टर की बात मानी.ऐसे ही एक साल बीत गया.अब मेरा बेटा भी थोड़ा बड़ा हो गया था और मुझे भी अब चुदाई की चाहत होने लगी थी.एक रात में मैंने अपने बेटे को जल्दी सुला दिया और मैं भी अच्छे से तैयार हो गई, अपने शौहर का इंतजार करने लगी.जब मेरे शौहर आए तो मैंने खाना परोसा और उन्होंने खाना खा लिया.पर उनका मुझ पर ध्यान ही नहीं गया कि मैं आज तैयार होकर उनका इंतजार कर रही थी.मैंने भी सोचा शायद वो आज काम में थक गए होंगे इसलिए मुझ पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.फिर उन्होंने मुझसे पूछा- आज बाबू जल्दी सो गया?मैं बोली- जी, वो आज मैंने उसे जल्दी सुला दिया है क्योंकि इतना टाइम हो गया है. हम साथ में नहीं लेटे और साथ में टाइम भी नहीं बिताया, तो इसी लिए.वो बोले- देखो यार आज मैं बहुत थक गया हूँ … आज नहीं, फिर कभी करेंगे.ये बोल कर वो सोने चले गए.मैं भी सो गई.अगली रात भी ऐसा ही हुआ, वो बिना कुछ किए ही सो गए.मैंने इस पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया.पर ज्यादा दिन में इस बात को नजरंदाज नहीं कर पाई.आखिर मेरी भी कुछ जरूरतें थीं.मैंने अपने शौहर से इस बारे में बात की पर उन्होंने मुझे कोई जवाब नहीं दिया.फिर हमारी शादी की सालगिरह आ गई.उस दिन मैंने अपने कॉलेज से जल्दी छुट्टी ले ली और अपने शौहर के ऑफिस उनको सरप्राइज देने के लिए चली गई.पर वहां जाकर मुझे पता चला कि वो ऑफिस में नहीं हैं.मुझे लगा कि शायद वो भी सरप्राइज देने के लिए जल्दी चले गए हों.मैं घर वापस आ गई और अपने शौहर का इंतजार करने लगी.बहुत देर हो गई पर मेरे शौहर घर नहीं आए तो मैंने उन्हें कॉल लगाया.उन्होंने कहा- आज ऑफिस में बहुत काम है, मैं लेट हो जाऊंगा.मैंने उन्हें ये नहीं बताया कि मैं उनके ऑफिस गई थी और वो मुझे वहां नहीं मिले.अब मेरे मन में अजीब से ख्याल आने लगे कि मेरे शौहर मुझसे झूठ क्यों बोल रहे हैं. वो आखिर कहां बिज़ी हैं.ऐसे ही सोचते हुए शाम हो गई और वो घर आ गए.वो मेरे लिए गिफ्ट लेकर आए थे.फिर हमने साथ में खाना खाया.रात में जब हम सोने लगे तो मेरे शौहर ने मुझे अपने करीब बुलाया और मेरे मम्मों को दबाने लगे.उसके बाद उन्होंने मुझे चूमा और मुझे नंगी करके मेरी चुत को चाटने लगे.फिर उन्होंने अपने कपड़े भी उतार दिए और अपना लंड मेरे मुँह में दे दिया.मैं भी मजे से उनका लंड चूसने लगी.लंड चूस कर मैंने उसे पूरा कड़क कर दिया.तब मेरे शौहर ने मेरी चुत पर थूक लगाया और एक ही बार में पूरा लंड मेरी चुत में डाल पेल कर मुझे चोदने लगे.मेरे शौहर मुझे इतने समय बाद चोद रहे थे पर उनके चेहरे को देख ऐसा लग नहीं रहा था कि उन्हें मेरी चुदाई करने से खुशी हो रही हो.कुछ ही समय में उन्होंने अपना कामरस मेरी चुत में छोड़ दिया.उन्होंने अपना लंड मेरी चुत से बाहर निकाला और दूसरी तरफ मुँह करके सो गए.मैं भी सो गई पर मुझे अब अपने शौहर पर शक होने लगा.कुछ दिन बीत गए.फिर एक बार जब मैं अपनी फ्रेंड्स के साथ बाजार में कुछ खरीदारी करने गई.मेरी एक फ्रेंड ने मुझसे कहा- अरे शन्नो देख तो … क्या वो तेरे शौहर हैं?मैंने देखा तो मुझे दिखा कि वो किसी लड़की के साथ थे.वो दोनों हाथों में हाथ डाल कर घूम रहे थे.पर मैंने अपनी फ्रेंड से बोला- नहीं वो शायद कोई और हैं. मेरे शौहर तो अभी ऑफिस में होंगे.फिर मैं टॉयलेट जाने के बहाने से वहां से निकली और मैंने अपने शौहर को कॉल लगा कर उनसे पूछा कि अभी वो कहां हैं?उन्होंने मुझे जवाब दिया कि वो अभी अपने ऑफिस में ही हैं.फिर मैं अपनी सहेलियों के पास आ गई और बोली- मुझे कोई जरूरी काम आ गया है, मुझे जाना होगा.मैं वहां से निकल गई और अपने शौहर का पीछा करने लगी.उनका पीछा करते हुए मैं एक घर के बाहर तक पहुंच गई.मेरे शौहर और वो लड़की दोनों अन्दर घर में घुस गए थे.मैंने बाहर की खिड़की से अन्दर झांकने की कोशिश की और देखा कि मेरे शौहर उस लड़की को चूम रहे थे.ये देख मेरे पैरों तले से जमीन ही निकल गई.मुझे ये देख कर इतना दुख हुआ कि मैं बयान ही नहीं पाऊंगी.पर मैंने थोड़ी और हिम्मत की और कुछ देर बाद वापस अन्दर झांका तो देखा मेरे शौहर उस लड़की को घोड़ी बना कर उसकी चुदाई कर रहे थे.ये देख कर मैं वहां से चली गई और घर आ गई.घर पहुंच में बहुत रोई कि आखिर मुझमें ऐसी क्या कमी थी कि मेरे शौहर उस छिनाल रंडी के चक्कर में फंस गए.मैंने ये सोच लिया था कि अब जब मेरे शौहर घर आएंगे तो मैं उनसे इस बारे में बात करूंगी और उनसे पूछूंगी कि आखिर क्या वजह थी कि उनको उस छिनाल के साथ सोना पड़ा.रात में जब मेरे शौहर घर लौटे तो मैंने उनसे बात करने की कोशिश तो की, पर मुझसे ये सब बोला ही नहीं गया.मैं चुपचाप ही रही, पर मेरे दिमाग में वहीं सब चल रहा था कि कैसे वो उस लड़की को अपने बांहों में भर उसको चोद रहे थे.मैंने बहुत दिनों तक इस बारे में सोचा, फिर मैंने मन बना लिया कि अगर मेरे शौहर मेरे साथ ऐसा कर सकते हैं, तो मैं भी अब उनके साथ ये ही करूंगी.अब मैं भी अपनी प्यास बाहर से ही बुझाया करूंगी.मैंने ऐसा ही किया.अब मैं अपने ही कॉलेज में नए लंड की तलाश करने लगी और मुझे वो मिल भी गया.वो मेरे कॉलेज का फाइनल ईयर का स्टूडेंट था, जिसका नाम राज था. वो 21 साल का नौजवान लड़का था.उसे मैंने अपने घर बुलाया और उसको अपनी चुत दे दी. वाइफ चीटिंग सेक्स करके मेरे मन को तसल्ली हुई.यह मेरा पहला अनुभव था कि जब मैं किसी पराये मर्द को अपने बदन को छूने दे रही थी.राज ने अपने 7 इंच के लंड से मेरी चुत की प्यास तो बुझा दी पर मुझे चुदाई के बाद अच्छा नहीं लगा कि मैं किसी पराए मर्द के साथ ऐसा कैसे कर सकती हूं.इतने में राज का लंड वापस खड़ा हो चुका था और वो मुझे फिर से चोदने वाला था.पर मैंने उसे जाने को बोला.वो जाने लगा तो मैंने उससे बोला कि वो इस बारे में किसी को कुछ ना बताए.राज वहां से चला गया और मैं घर में अकेली होकर रोने लगी कि आखिर मैं इतना कैसे गिर सकती हूँ कि अपने शौहर को सबक सिखाने के लिए मैं भी उनकी तरह चरित्रहीन बन जाऊं.मुझे अपने ऊपर बहुत ग़ुस्सा आ रहा था.मैं कुछ दिन कॉलेज नहीं गई.राज ने मुझे कॉल और मैसेज भी किया पर मैंने उसका कोई जवाब नहीं दिया.फिर जब मैं कुछ दिन बाद कालेज गई तो राज मेरे सामने आ गया और मुझसे बात करने लगा.पर मैं उसे अनदेखा करने लगी.कॉलेज की छुट्टी होने के बाद मैं स्टॉफ रूम में जाने लगी.तभी अचानक राज ने मुझे एक खाली क्लास में खींच लिया और वो मेरे होंठों को चूमने लगा.मैं उसका विरोध करने लगी पर वो नहीं रुका.उसकी उंगलियां मेरी चुत को साड़ी के उपर से ही रगड़ने में लग गईं.धीरे धीरे मेरा भी मूड बन गया और मैं भी उसका साथ देने लगी.उसने पैंट की चैन खोल कर अपना लंड बाहर निकाल लिया और मैं उसे अपने हाथों में ले हिलाने लगी.जब उसका लंड पूरा कड़क हो गया तो मैं बेंच का सहारा लेकर घोड़ी बन गई और राज ने मेरी साड़ी और पेटीकोट को ऊपर उठा मेरी पैंटी नीचे कर दी.उसने मेरी चुत पर थूक लगा कर अपना लंड अन्दर डाल दिया.पूरा लंड पेल कर वो मुझे चोदने लगा.मैं भी अपनी गांड आगे पीछे करके उसका पूरा साथ दे रही थी.राज ने मुझे दस मिनट तक चोदा.फिर जब उसका लंड माल छोड़ने को तैयार हुआ, तो उसने मेरी कमर को पकड़ अपनी रफ़्तार को बढ़ाया और मेरी चुत में ही झड़ गया.मैं भी झड़ चुकी थी.फिर हम अलग हुए और अपने कपड़े सही करने लगे.राज ने मुझसे पूछा- क्या हुआ मैडम … आपको मेरी चुदाई पसंद नहीं आई क्या, जो आप मुझे अनदेखा कर रही हो?मैं बोली- ऐसी कोई बात नहीं है, तुम तो बहुत अच्छी चुदाई करते हो पर …राज- पर क्या मैडम?मैं- मैं पहली बार किसी पराये मर्द से चुदी थी इसलिए मुझे अच्छा नहीं लग रहा था.फिर हमने थोड़ी और बात की.उसके बाद राज वहां से चला गया और मैं भी स्टाफ रूम में आ गई.फिर वहां से घर आ गई.उस दिन के बाद से मैंने अपनी सारी शर्म-हया को अपने अन्दर से निकाल फैंका और मैं भी अपने शौहर की तरह घर से बाहर अपनी चुदाई का इंतजाम करके चीटिंग सेक्स करने लगी.मैंने बहुत से लंड अपनी चुत में लिए.अब मैं किसी बाजारू औरत की तरह बन चुकी थी.पर अब तक मेरी गांड सील पैक ही थी, जिसे किसने और कब खोली, ये सब मैं आपको किसी और सेक्स कहानी में बताऊंगी.तब तक के लिए आपको मेरा नमस्कार.आपको ये हस्बैंड वाइफ चीटिंग सेक्स कहानी कैसी लगी, मुझे मेल करें.[email protected]लेखक की पिछली कहानी थी:बीवी की कमी सासू माँ ने पूरी करी

(责任编辑:आईपीएल क्रिकेट स्कोर)

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