कमल प्रीतदोस्तो,कारबिकवाईकमीशनमेंकामिनीकीचुदाई आप सभी को मेरा यानि कमल का नमस्कार।मेरी उम्र 40 साल है और मैं जालंधर में रहता हूँ। मेरा मोटर पार्ट्स और पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री का काम है।एक सच्ची कहानी आपकी नज़र है।पिछले अगस्त के महीने में मेरे पास एक पति-पत्नी आए, जो अपनी पुरानी आल्टो कार बेचना चाहते थे। आदमी की उम्र 38 और महिला की करीब 33 होगी।मैंने कार देखकर उनको एक लाख 60 हज़ार रूपये बोल दिए, लेकिन उन्होंने कहा- 1.80 से कम में नहीं बेचेंगे।वो महिला बहुत खूबसूरत और सेक्सी थी जबकि उसका पति उसके मुकाबले काफी मोटा था।महिला का फिगर 38-32-38 होगा। उस समय उसने गुलाबी रंग का सूट पहन रखा था और बाल खुले छोड़े हुए थे।उसके मम्मे पूरे तने हुए थे और सफ़ेद नेट वाली ब्रा भी नज़र आ रही थी। यानि कोई देख ले तो उसी समय उसका लण्ड खड़ा हो जाए।मैंने कार का 1.65 तक ऑफर कर दिया लेकिन उन्होंने मना कर दिया।जब वो जाने लगे तो मैंने उस आदमी को कहा- सर अपना कांटेक्ट नंबर दे दें, यदि कोई ज्यादा पैसे देने वाला ग्राहक हुआ, तो बता दूँगा।उसने मुझे अपने विजिटिंग कार्ड दे दिया। उसका नाम विजय कुमार था और वो एक कॉस्मेटिक कंपनी में फील्ड मैनेजर था।दो दिन बाद मेरे पास एक आल्टो का ग्राहक आया। मैंने तुरंत विजय को फ़ोन लगाया। उसने बताया कि वो दो दिन कंपनी के टूर पर दिल्ली में है।मैंने कहा- किसी को आपकी गाड़ी देखनी है।तो उसने कहा- मैं अपनी पत्नी कामिनी को फ़ोन करके बोल देता हूँ और वो आपको फ़ोन कर लेगी, आप ग्राहक को कार दिखा दे देना।दो मिनट बाद मुझे फ़ोन आया, बड़ी मीठी आवाज़ में महिला बोली- हैलो..! मैं कामिनी बोल रही हूँ, विजय जी की वाइफ, मुझे कमल जी से बात करनी है।मैंने जवाब दिया- हाँ जी मैडम, मैं कमल बोल रहा हूँ, मेरी विजय जी से अभी कार के बारे में बात हुई थी।“आपने जिसको कार दिखानी है, हमारे घर आ कर दिखा दें।” कामिनी ने जवाब दिया।मैं उसके घर का पता पूछ कर ग्राहक को साथ लेकर उसके घर को चल पड़ा। पंद्रह मिनट में हम उनकी कॉलोनी पहुँच गए। मैंने दोबारा फ़ोन करके कामिनी से उसके घर की लोकेशन पूछी, तो कामिनी ने समझा दिया और गेट के बाहर आ गई।उसने आसमानी रंग का कुरता और ब्लैक सलेक्स पहन रखी थी। इस ड्रेस में वो बेहद सेक्सी लग रही थी। घर में उस समय उसके अलावा और कोई भी नहीं था।ग्राहक ने कार अच्छी तरह से देखी और चला कर देखने की बात कही।कामिनी बोली- आप चला कर देख लो।मैं जान-बूझ कर वहीं रुक गया और उसको अकेले ट्राई लेने जाने को कहा।उसके जाने के बाद कामिनी ने मुझे ड्राइंग रूम में बिठाया और बोली- मैं आपके लिए चाय बनाती हूँ।मैंने मना कर दिया और कहा- बस पानी पिला दो।मैंने कामिनी से इधर-उधर की बातें शुरू कर दीं। उसने बताया के उसका एक बेटा और एक बेटी है जो स्कूल गए हैं।मैंने कहा- कामिनी जी, आप भी ड्राइविंग सीख लो।तो वो बोली- विजय के पास समय ही नहीं होता, मैं तो चाहती हूँ।तो मैंने हँस कर कहा- मैं सिखा दूँगा आपको कामिनी जी। नहीं तो आप किसी ड्राइविंग स्कूल से सीख लें।‘आप मुझे किसी बढ़िया ड्राइविंग स्कूल के बारे बताना..!’ कामिनी ने कहा।‘ज़रूर, मैं तो सभी को जानता हूँ।’ मैंने जवाब दिया।इतने में गाड़ी खरीदने वाला आ गया और हम कामिनी को बाद में बताने का बोल कर वापिस आ गए। ग्राहक को गाड़ी पसंद आ गई लेकिन वो ज्यादा से ज्यादा 1.75 खर्च करने को तैयार था।अब मेरा दिल काम में नहीं लग रहा था और आँखों में कामिनी की तस्वीर घूम रही थी। करीब एक घंटे बाद कामिनी की कॉल आई। उसने पूछा- क्या ग्राहक को गाड़ी पसंद आई?मैंने कहा- पसंद तो है लेकिन वो 1.75 से ज्यादा नहीं देगा, मेरा कमीशन 2 परसेंट अलग से होगा।कामिनी ने कहा- मैं विजय से बात करके बताती हूँ।कुछ देर में ही विजय का फ़ोन आ गया कि सौदा पक्का कर दो, परसों वो आ जाएगा और पैसे देकर गाड़ी ट्रान्सफर करवा लेना। मैंने ‘ओके’ बोल दिया।मेरा दिल तो कामिनी की तरफ था लेकिन बात कैसे करूँ, समझ नहीं आ रहा था। मुझसे रहा नहीं गया और मैंने कामिनी को फ़ोन लगा ही दिया।“हैलो कामिनी जी बधाई हो.. आपकी गाड़ी का सौदा पक्का हो गया। विजय जी से भी मेरी बात हो गई है।”“थैंक्स..! लेकिन कमल जी कमीशन तो छोड़ दो न..!” कामिनी बोली।“मैडम यही तो मेरा बिज़नस है, हाँ.. मैं इतना कर सकता हूँ कि आप एक परसेंट दे देना।” मैंने जवाब दिया।कामिनी हँसे हए बोली- तो आप एक और परसेंट भी नहीं छोड़ सकते?मैंने जवाब दिया- ठीक है मैडम जी, लेकिन गाड़ी के अच्छे पैसे मिल गए आपको, मुझे क्या मिला?कामिनी बोली- एकाध जगह कमीशन न भी लोगे तो क्या फर्क पड़ेगा आपको? किसी और से पूरे कर लेना।मैंने कहा- ठीक है, लेकिन आप पार्टी तो दे सकते हैं न?“हाँ वो बात अलग है, बोलिए क्या पार्टी लेनी है?”मुझे थोड़ा डर भी लगा कि ये बातें वो विजय को न बता दे तो मैंने कहा- विजय जी आ जायेंगे तो उनसे ले लूँगा।कामिनी बोली- लगता है आप ड्रिंक वगैरह की पार्टी चाहते हो, लेकिन विजय ड्रिंक नहीं करते।मैंने पूछा- तो?कामिनी ने जवाब दिया- कुछ खाने-पीने की पार्टी लेनी है तो मैं कर दूँगी।मुझे लगा कि बात बन रही है।“तो ठीक है। वैसे मैं मजाक कर रहा था। बस चाय पिला देना कभी।” मैंने कहा।“ठीक है आप जब मर्ज़ी आ जाना, चाय का क्या है..!” कामिनी बोली।“ओके मैं कल सुबह दस बजे काम पर जाते समय आपसे चाय पीने आ जाऊँगा..!” मैंने कहा। क्यूंकि मुझे पता था कि विजय कल भी बाहर होगा।“ठीक है, मैं इन्तजार करुँगी।”मेरा मन बल्लियों उछलने लगा। पता था विजय यहाँ नहीं है और बच्चे भी स्कूल गए होंगे उस समय।सुबह पूरे दस बजे मैं कामिनी के घर के बाहर था। बेल बजाई तो कामिनी ने गेट खोला।मेरी ऑंखें खुली रह गई। कामिनी ने जीन्स के साथ ब्लैक टी-शर्ट पहन रखी थी।ड्राइंग-रूम का दरवाज़ा खोलते ही मैं उसके पीछे था। लण्ड तो मेरा पहले खड़ा हो चुका था, लेकिन उसके भारी चूतड़ देखकर और कड़क हो गया।कामिनी ने मुझे ड्राइंग-रूम में बिठाया और चाय बनाने चली गई।मैं भी पीछे रसोई में चला गया और बोला- मैं कुछ हेल्प करूँ?कामिनी बोली- अरे नहीं, मैं बना रही हूँ न..!मैंने कहा- भाभी जी वैसे तो आप सूट में भी बहुत अच्छी लगती हो लेकिन जीन्स टी-शर्ट में तो और भी ज्यादा मस्त लगती हो।कामिनी ने थैंक्स बोला और पूछा- चाय के साथ क्या लोगे?मैंने कहा- बस आपके हाथ की चाय और कुछ नहीं।चाय को लेकर हम ड्राइंग-रूम में आ गए। वो साथ में खाने को काफी कुछ ले आई।मैंने कहा- भाभी जी, इतना कष्ट न करो।तो कामिनी बोली- भाभी जी.. भाभी जी.. मत कहो, मुझे मेरे नाम से बुला सकते हो।मैंने कहा- ओके कामिनी जी..!तो वो बोली- ये जी.. जी.. का चक्कर भी छोड़ो और बस कामिनी नाम से बुलाओ।मैंने कहा- कामिनी, मुझे कमल नाम से बुलाओ।इन बातों से मुझे लगा कि अब देर नहीं करनी चाहिए।मैंने पूछा- कामिनी अगर विजय को पता चला कि मैं उनकी गैर हाजिरी में घर आया जब आप अकेली थी तो गुस्सा नहीं करेंगे।“मैं बुद्धू थोड़े हूँ जो उनको ये सब बताऊँगी, मैंने तो आज काम वाली को भी छुट्टी दे दी थी।”मुझे उसकी आँखों में एक लालसा भरी कसक दिखी। अब मुझे लगा देर नहीं करनी चाहिए। मैंने जान-बूझ कर कप से थोड़ी सी चाय अपनी पैन्ट पर गिरा दी।“अरे यह क्या किया?” कामिनी बोली।मैंने जेब से रुमाल निकाल कर कहा- इसको जरा गीला कर दो।तो कामिनी बोली- आप वाश-रूम चले जाओ और गीले तौलिया से साफ कर लो.. आओ मैं बताती हूँ वाशरूम किधर है।वाशरूम में कामिनी ने मुझे तौलिया दिया और मैं जान-बूझ कर धीरे-धीर से पैन्ट साफ़ करने लगा।कामिनी बोली- ऐसे साफ़ नहीं होगी.. लाओ मैं करती हूँ।उसने तौलिया से खुद पैन्ट साफ़ करनी शुरू कर दी। मेरा 8 इंच का लण्ड पैन्ट फाड़कर बाहर आने को था। कामिनी की नज़र भी उस पर थी और वो थोड़ा हँस दी।मैंने पूछा- आप हँसी क्यों..!तो बोली- लगता है आप नार्मल नहीं हो?मैंने जवाब दिया- कामिनी करीब हो तो कौन नार्मल रह सकता है?कामिनी नशीली मदभरी आवाज में बोली- कामिनी भी नार्मल नहीं है कमल…!इतना सुनते ही मैंने उसके हाथ से तौलिया पकड़ कर फ़ेंक दिया और उसको बाँहों में भर लिया।उसने ज़रा भी विरोध नहीं किया। मैं उसके मम्मे हाथ में लेकर दबाने लगा।कामिनी भी मुझसे लिपट गई और ‘उह आह’ करने लगी।कामिनी बोली- आओ, बेडरूम में चलते हैं।वहाँ पहुँचते ही मैंने कामिनी को बेतहाशा चूमना शुरू कर दिया। उसने पूरा साथ दिया।मैंने कहा अपनी टी-शर्ट तो उतारो कामिनी।वो बोली- कमल तुम उतारो, जो करना है खुद करो।मैंने उसकी टी-शर्ट उतार दी। कामिनी ने नेट वाली काली ब्रा पहनी थी। फिर मैंने उसकी जीन्स भी उतार दी। उसने पैन्टी भी काली पहनी थी। अब कामिनी ने एक-एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए और मैं बेड पे लेट गया।मैंने कहा- कामिनी प्लीज मेरा लण्ड चूसो…!उसने झट से मेरा 8 इंच का लण्ड मुँह में ले लिया और चूसने लगी।वो बोली- एक मिनट में आई..!और रसोई से शहद ले आई और मेरे लण्ड पर लगा कर चूसने लगी। वो अभी भी ब्रा-पैन्टी में थी और परी लग रही थी।अब मैंने उसकी पैन्टी उतार दी, बहुत चिकनी चूत थी उसकी। थोड़ी खुली ज़रूर थी लेकिन एकदम साफ़ और दाना अन्दर की तरफ।मैं पागलों की तरह उसकी चूत पर शहद डाल कर चूसने लगा।उसकी सिसकारियों से माहौल और सेक्सी हो गया।अब मैंने उसकी ब्रा खोलकर मम्मे चूसने शुरू कर दिए और हाथ से उसकी फुद्दी मसलने लगा, जो पूरी गीली हो चुकी थी।इसके साथ-साथ मैं उसके गुलाबी होंठ भी चूसता रहा और वो भी।अब हम 69 पोजीशन में आ गए और एक-दूजे का लण्ड-फुद्दी चूसने लगे।यह कहानी आप अन्तर्वासना डॉट काम पर पढ़ रहे हैं।कामिनी सेक्सी आवाज़ में बोली- आओ न कमल अन्दर डालो न प्लीज..!उसने गद्दे के नीचे से कंडोम निकाला और मेरे लण्ड पर चढ़ा दिया।मैंने उसको घोड़ी बनाया और उसकी चूत में लण्ड घुसा दिया। वो तनिक सिसियाई और कुछ ही पलों में उसके मुँह से आवाज निकलने लगी- ओह कमल… और तेज और जोर से करो..!फिर मैंने कामिनी को बेड पे चित्त लेटा दिया और खुद नीचे खड़ा होकर उसकी टाँगें अपने कंधों पर रखकर चोदने लगा।दस मिनट बाद कामिनी ने बताया कि वो डिस्चार्ज हो चुकी है।मैंने गांड में डालने को कहा तो नहीं मानी।इसके बाद मैंने कामिनी को अपने ऊपर बिठा लिया और वो तेज़-तेज़ चुदाई करने लगी।वो एक बार फिर झड़ गई और उसकी गर्मी से मैं भी पिंघल गया।कुछ देर हम नंगे ही लेटे रहे।फिर कपड़े पहने और ड्राइंगरूम में आ गए। कामिनी ने फिर चाय बनाई और हमने एक साथ बैठकर पी।कामिनी बोली- थैंक्स कमल !मैंने पूछा- किस बात का?तो वो बोली- इतना अच्छा सेक्स करने का, मेरी तमन्ना पूरी हुई तुमसे चुद कर, विजय तो सिंपल सेक्स करते हैं, फुद्दी भी नहीं चूसते और 5 मिनट में झड़ जाते हैं।‘जब भी मौका मिला करेगा हम और अच्छी तरह से सेक्स किया करेंगे।’ मैंने कहा।तो उसने कहा- तुम खुद फ़ोन न करना, जब मैं अकेली होऊँगी तो कर लिया करूँगी।इसके बाद मैं उसको एक दीर्घ चुम्बन करके काम पर चला गया।अगले दिन विजय आ गया और मैंने उनकी कार बिकवा दी।मैंने विजय से 2 हज़ार कमीशन लिया, जो कामिनी को दे दिया।कामिनी ने कहा- कमल कमीशन तुम रख लो।लेकिन मैंने मजाक करते हुए कहा- कमीशन तो चुदाई के रूप में मिलने लगी है। तुमसे नकद कमीशन थोड़े ना लूँगा।अब उन्होंने नई स्विफ्ट कार ली है और कामिनी ड्राइविंग सीख रही है।विजय जब बाहर जाता है तो मैं कामिनी को चोदना नहीं भूलता। अभी तक चार बार और चोद चुका हूँ। वो फ़ोन करके खुद बुला लेती है।एक बात और बता दूँ, अक्टूबर में एक बार विजय टूर पर था और बच्चे ननिहाल गए थे तो मैंने पूरी रात उसको जी भर कर चोदा।उस रात मैंने उसकी गांड भी मारी, गांड में लगाने के लिए मैं जैली साथ ले गया था ताकि कामिनी की गांड में दर्द न हो।उसको भी पहली बार गांड मरवा कर बहुत मज़ा आया। जब वो अकेली होती है तो फ़ोन करती रहती है और फ़ोन सेक्स भी।मेरी सच्ची कहानी कैसी लगी, मेल पर बताना न भूलें।[email protected]
(责任编辑:टिल्लू ताजपुरिया)