दुनिया में तरह-तरह के लोग होते हैं,बुराईकीजगहढूंढेंअच्छाईलाइफमेंखुशरहनेकेलिएअपनाएंयेआदतें कुछ लोग हमें हमेशा खुश लगते हैं तो कुछ बहुत परेशान. क्या इसके लिए ये कहा जा सकता है कि खुश रहने वाले शख्स की जिंदगी में परेशानियां नहीं होंगी और दुखी रहने वाले शख्स की जिंदगी में बहुत उलझने हैं? क्या ये माना जा सकता है कि जो शख्स रोज अपनी परेशानियां गिनवाता है ज्यादा परेशान है और मुश्किलों, चिंताओं का जिक्र न करने वाला इंसान दुनिया की सभी परेशानियों से दूर है? नहीं, ऐसा बिल्कुल नहीं है. दरअसल, खुश और परेशान रहना इंसान की जिंदगी को नहीं बल्कि उसकेजीने के तरीके कोदिखाता है. कुछ बातों को अपनी आदत में शुमार करके खुश रहा जा सकताहै, जिससेजिंदगी में पॉजिटिव रहने की सोच और खुशहाल लाइफ आपके लिए आसान होगी.लोगों या चीजों में कमी निकालना या बुराई ढूंढना जिंदगी का सबसे आसान काम है, लेकिन इसके परिणाम अच्छे नहीं हैं. बुराइयां ढूंढते-ढूंढते हम अपने आपको नकारात्मकता की तरफ ले जाते हैं. वहीं, अगर आप लोगों में बुराई ढूंढते रहेंगे तो लोगों से नफरत करना शुरू कर देंगे औरखुद से उनसे दूर करते जाएंगे. खुश रहने के लिए जरूरी है किसी भी चीज मेंबुराई की जगह अच्छाई ढूंढी जाए. हर किसी को किसी न किसी की कोई बात बुरी लग ही जाती है. ये सबके साथ होने वाली प्रक्रिया है, लेकिन बात को दिल से लगाए रखना हमें खुश नहीं रहने दे सकता. इस तरह की बातों से खुद को निकालने के लिए माफ करने को आदत बना लेना बहुत जरूरी है. इसके साथ ही गलती महसूस होने पर अफसोस करने से बेहतर माफी मांगना होता है.खुश रहने के लिए आसपास का माहौल भी खुशगवार होना चाहिए. इंसान सबसे ज्यादा और कीमती वक्त अपने परिवार के साथ गुजारता है. इसके बाद दोस्त भी जिंदगी में बड़ा रोल प्ले करते हैं. परिवार के साथ हमारे रिश्ते बेहतर होने चाहिए और इन्हें बेहतर करने के लिए काम करते रहना चाहिए. इसी तरह हमारे दोस्त ऐसे हों जो हमारे अंदर पॉजिटिविटी भर सकें. हम क्या कर रहे हैं, इसका भी हमारी जिंदगी पर बहुत असर पड़ता है. इसके लिए वो काम करना बेहतर है, जो हमें खुशी दे. हालांकि, हमेशा ऐसा नहीं होता लेकिन हम जो कर रहे हैं उसे मन लगाकर करें तो वो भी हमें खुशी देता है. मन लगाकर किए गए कामों के परिणाम अच्छे आते हैं, जो हमें खुशी देता है. दिनभर हमारे दिमाग में बहुत कुछ चलता है. अपने आसपास हो रही घटनाओं से जुड़कर भी हमारे दिमाग में कई तरह के ख्याल आते हैं, जो अच्छे और बुरे दोनों हो सकते हैं. किसी भी बुरे ख्याल से बचने के लिए जरूरी है कि हर तरह से ख्याल पर ध्यान देने से बचा जाए और अच्छे और बेहतर ख्यालों पर फोकस किया जाए. जिदंगी को खुशगवार बनाने के लिए उसका किसी उद्देश्य से जुड़ा होना बेहद जरूरी है. हमें चाहिए कि हम किसी बड़े उद्देश्य से जिंदगी को जोड़ें और उस पर काम करें. बिना उद्देश्य की जिंदगी की तुलना बिना लगाम के घोड़े से की जाती है, जो किसी भी ओर मुड़ जाता है. खुशहाल जिंदगी के लिए हमें उसकी मंजिल मालूम होनी चाहिए. हम कुछ भी करते हैं, तो उसके लिए खुद को जिम्मेदार न मानकर किसी और पर इल्जाम डाल देते हैं. जैसे दफ्तर देर से पहुंचने के लिए हम ट्रैफिक, मेट्रो जैसी कई चीजों को जिम्मेदार बना देते हैं. लेकिन इसके लिए जरूरी है को हम वक्त से थोड़ा पहले निकलें. ट्रैफिक और मेट्रो जैसी चीजों को जिम्मेदार बनाकर इस समस्या का समाधान नहीं निकाला जा सकता बल्कि सही समय से इसका समाधान जरूर हो सकता है.
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